कक्षावां रै बाद छात्र आपरै गुरु नैं भिगोवण सारू भाग्यशाली हा।
कक्षा रै बाद छोरो आपरै गुरु नैं खिलावण सारू रैयो। विद्यार्थी घणो भागसाळी हो क्यूंकै इण प्रचलित शिक्षक दर्शकां मांय मूतण सारू त्यार है अर दरवाजै नै भी बंद नीं।
कक्षा रै बाद छोरो आपरै गुरु नैं खिलावण सारू रैयो। विद्यार्थी घणो भागसाळी हो क्यूंकै इण प्रचलित शिक्षक दर्शकां मांय मूतण सारू त्यार है अर दरवाजै नै भी बंद नीं।