माँ का एक मजबूत सपना अपने बेटे को चोदने दिया। राति अनाड़ी
बेटवा जानत है कि महतारी बहुत कस के सोवत है अउर यहिसे एक बार सपना मा चोदै का फैसला किहिन। ऊ तब तक इंतजार करत रहा जब तक कि ऊ सोय गा अउर गोधूलि मा ऊ अपने अंडरपैंट उतारै लाग। तब ऊ सावधानी से ओका चोदत है। माँ सचमुच जागत नहीं है, बल्कि कराह जात है। जाहिर तौर पर, वह एक कामुक सपना का सपना देखत है। वह समझत नहीं है कि हकीकत मा वहिके सेक्स है, बल्कि अपने बेटवा के साथै। तब लईन सोवैं जाय ॥१॥ लेकिन सुबेरे सुबेरे ओकर महतारी अपने पास आई और रात मा का करत है, ई पूछै लाग। लागत रहा कि ऊ अपने कमरा मा जात है। लकिन बेटवा सब कुछ नकार देत बाय।